Friday, 7 March 2014

भारतीय जनता पार्टी और हिंदुत्व


आज के समय मे राजनीति मे बड़ा ही भारी उलट-फेर देखने को मिल रहा है | देशभक्ति की भावना और बलिदान की भावना को लेकर भी कुछ आम लोग वोट मांग रहे हैं और अपने आप को देश के लिए कुर्बान होने की बात करते हैं पर कुर्बान होने से डरते हैं | चारों तरफ सिर्फ बातों के ढेर दिखाई देते हैं काम की बात किसी किसी भाषण मे सुनाई देती हैं | वोट मांगने और नई पार्टी की वैल्यू बढ़ाने के लिए जो भी किया जा सकता है किया जा रहा है | अपनी तरफ से किसी भी तरह की कोटाइ नहीं बरती जा रही है | बस ये प्रयास है देश जाए भाड़ मे हमारी नई पार्टी का प्रमोशन जरूरी मुद्दा है | चाहे इसके लिए दूसरों की साख भी इस्तेमाल करना पड़े तो हम करेंगे |



बीजेपी और केजरीवाल की लड़ाई मे एक ही बात है जिसने मुझे प्रभावित किया | अगर कोई हमारे घर मे घुसकर हमें ललकारेगा या गाली देगा उसका मुंह तोड़ दिया जाएगा | कल की लड़ाई देखने लायक थी चारों तरफ पत्थरों और लठियों की भीड़ दिखाई दे रही थी | यह घटनाक्रम एक ऐसे देश की प्रतिमा प्रस्तुत करता है जिसमे प्रशासन बिलकुल ध्वस्त हो चुका है, और जिसकी लाठी मे ज़ोर हैं वो बलबान है |

मुझे उम्मीद है अगर पाकिस्तान इस तरह की हरकत करेगा तो उसका भी यही हश्र किया जाएगा | हमारे आदर्श और कर्म ही हमें विजय दिलाएँगे न कि कोरी बातें | पाकिस्तान ने कई बार अपनी हदें पर की हैं पर कॉंग्रेस ने कभी उन्हें रोकने कि कोशिश नहीं की | क्या हम इतने कमजोर हो गए हैं | क्या कोई ऐसा जिंदा है जो हमें स्वतन्त्रता का असली मतलब बताएगा |

सुझाब देना और उन्हें कार्य रूप मे बदलना दोनों अलग-अलग बातें हैं | सोचने को तो मैं भी बहुत कुछ सोच लेता हूँ पर कुछ कर नहीं पता | यही मूल अंतर हैं आम आदमी पार्टी और बीजेपी मे | केजरीवाल के सुझाब तो हम बहुत सुन चुके हैं पर उनकी तब तक कोई वैल्यू नहीं जब तक आप उन्हें लागू नहीं कर पाएँ | 49 दिन मे हाथ खड़े करके सत्ता छोड़ के भागने वाले अब देश का भट्टा बैठने कि लिए जद्दोजहद कर रहे हैं |

एक सशक्त नेता ही अच्छा राज्य दे सकता है इतिहास ने भी इसे कई बार परिभाषित किया है | हम उससे सुरक्षा की उम्मीद क्या करें जो खुद दूसरों के भरोसे हैं | पहले आम आदमी पार्टी ने अपनी पहचान कॉंग्रेस की बुराई करके बनाई और मोदी जी उनका अगला निशाना हैं | केजरीवाल को पता हैं कि कॉंग्रेस तो पहले ही रेस से बाहर हैं अब अगले बचे नरेंद्र मोदी, आज की हालत ये है केजरीवाल समेत सारे कार्यकर्ता लोटा-लंगोटा लेकर मोदी जी के पीछे पड़े हैं | पहले कॉंग्रेस-कॉंग्रेस करके सीटें जीती अब मोदी-मोदी करके जीतने का प्लान है |

सभी जानते हैं कि बीजेपी का जन्म “आरएसएस” से हुआ है जो एक हिन्दू-वादी संघटन हैं | अपने देश और संस्कृति से प्रेम जिंदा होने का प्रमाण होता है और मोदी जी को इसका प्रमाण देने की कोई जरूरत नहीं है | एक व्यक्ति अपने धर्म का पूरी तरह पालन करते हुए भी धर्मनिरपेक्ष हो सकता है धर्मनिरपेक्ष का प्रदर्शन दिखाबा ही होता है | दूसरे धर्म के आदर्श का प्रदर्शन उसे धर्मनिरपेक्ष होने का प्रमाण नहीं दे सकता है | संभवतया बीजेपी देश की जरूरतों को पूरा करेगा |

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